Aaj ka rashifal - 7 Dec 2017

मेष- चंद्रमा आज दिन के तीसरे पहर तक मिथुन में रहने के बाद आपकी राशि से पांचवे भाव में आ जाएगा. शाम तक आज का दिन आपके लिए अच्छी खासी सक्रियता वाला रहेगा. आप एक बार तय करें कि आप क्या करना चाहते हैं, और फिर उस दिशा में प्रयास करें. जो भी आपकी क्षमता है, आप उसका पूरी शक्ति से प्रयोग करेंगे और सफलता प्राप्त करेंगे. मन में अपने निजी हित हावी रहेंगे. आप अपने आप में ही मशगूल रहेंगे और आप अपने किसी साथी की मदद करने से साफ कन्नी काट जाएंगे. घर पर भी अगर आपसे किसी काम में मदद मांगी जाएगी, तो आप उसे टाल देंगे. अचानक कोई अतिरिक्त काम सौंपा जा सकता है. शाम को किसी रचनात्मक कार्य को लेकर किसी के साथ मिलकर योजना बनाएंगे. आज आप किसी बात की बारीकी में जाने के झंझट में न पड़ें. यात्रा में सावधान रहें. शाम को किसी पारिवारिक या सामाजिक कार्यक्रम के दौरान आपको रोमांस के बहुत अच्छे अवसर मिलेंगे।

वृषभ- आज आप परिवार के कार्यों में दिन भर व्यस्त रहेंगे. परिवार की प्रसन्नता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. आपको आज दिन भर धैर्य बनाए रखना होगा. घर में और दफ्तर में अपनी सक्रियता पर नियंत्रण रखें. ज्यादा सक्रियता परेशानी में डाल देगी. चंद्रमा आज दिन के तीसरे पहर तक आपकी राशि से दूसरे भाव में रहेगा. बुध की धीमी होती गति के कारण बहुत संभव है कि आज आपके दफ्तर में लगभग सारे ही लोग किसी तरह की चिंता में डूबे हुए हों. वेतनवृद्धि के लिए योग्यता का आकलन हो सकता है, जो बहुत धीमी गति से होगा. ऐसे में आज आप दफ्तर में अपने साथियों और अधीनस्थों से मदद की बहुत ज्यादा अपेक्षा न रखें. हालांकि इसके बावजूद आपको अपनी श्रेष्ठता साबित करने के मौके मिलेंगे. आप स्वयं भी हर काम में सावधान रहें, कोई भी निर्णय सोचविचार कर लें. भूमि-भवन से फायदा हो सकता है, लेकिन इस पैसे को कहीं और निवेश न करें. आज आप गाड़ी चलाने में विशेष सावधानी रखें।
मिथुन- चंद्रमा आज तीसरे पहर तक आपकी राशि में है, लेकिन आपका राशि स्वामी मंद है, जबकि सप्तम भाव और सप्तमेश बहुत शक्तिशाली हैं. आज आप किसी न किसी और व्यक्ति से मुग्ध रहेंगे, स्वयं से ज्यादा महत्व उसे देंगे. उसकी देखादेखी करने का प्रयास करेंगे. हो सकता है, इस व्यक्ति पर आप पहले से मुग्ध रहें हों, लेकिन आज आपको उस व्यक्ति की कोई कमी, कोई दोष नजर ही नहीं आ पाएगा. यह आवश्यक नहीं कि वह व्यक्ति भी आपकी ओर ध्यान दे. आज का दिन आपको बहुत धैर्य से बिताना होगा. अगर कहीं कोई अनबन या विवाद हुआ, तो आप अपनी बात भी ठीक ढंग से नहीं कह सकेंगे, और सारे लोग आपको ही गलत समझेंगे. आज दफ्तर में अधिकारियों से आपकी काफी अच्छी बातचीत होगी, आपको अधिकारियों से समर्थन मिलेगा. अपने आपमें कुछ बदलाव लाने के लिए तैयार रहें. शाम को किसी नई नौकरी या नए बिजनेस पर विचार होगा, जो भविष्य में कारगर साबित होगा।
कर्क- आज आप बहुत प्रसन्न मूड में रहेंगे. आपके स्वभाव में व्यवहारिकता कम और भावुकता ज्यादा रहेगी. आपका सारा जोर लोगों से संपर्क बनाने और मजबूत करने में रहेगा. किसी बहुत आकर्षक व्यक्तित्व के व्यक्ति से मुलाकात होगी, बातचीत करने का मौका मिलेगा और आप उस पर मुग्ध हो जाएंगे. मित्रों से मिलते रहेंगे, और उन पर पैसे खर्च करते रहेंगे. मित्रों के साथ व्यस्तता के कारण अपने जरूरी काम दूसरों पर न छोड़ें. जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश न करें, जो जरूरी मेहनत है, जरूर करें. मन में दिन भर कुछ न कुछ उधेड़बुन चलती रहेगी. आज शाम से चंद्रमा आपकी ही राशि में रहेगा. अगर घर में कोई शुभ काम या कुछ लोगों को निमंत्रित करना तय हुआ है, और उसकी व्यवस्था आपको ही करनी है, तो बेहतर रहेगा कि उसे फिलहाल टाल दें. पहले अपनी अव्यवस्थित दिनचर्या और जीवन को व्यस्थित करने पर ध्यान दें. आज आपको किसी की सेवा या मदद करने का मौका मिलेगा।
सिंह- आज आपकी राशि का भावनात्मक तौर पर झुकाव थोड़ा अधिक है. चंद्रमा को छोड़कर सारे ही ग्रह आपकी राशि से दाहिनी तरफ बने हुए हैं. आज आपकी किसी सुख-सुविधा में कोई कमी नहीं होगी, दिन अच्छा बीतेगा, लेकिन आपको खुद भी समझ में आता रहेगा कि आप भावनात्मक तौर पर थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. लेकिन अपनी इस भावनात्मक दुविधा या कमजोरी को दूर करने के लिए आप जितनी कोशिश करेंगे, उतने ही गहरे उसमें फंसते जाएंगे. आज आप अपने अतीत के बारे में सोचते रहेंगे, बीते विषयों पर चर्चा करेंगे. थोड़ा आत्मनियंत्रण रखेंगे, तो दिन अच्छी तरह बीतेगा. आज आप अपनी इस मनःस्थिति के कारण अपने किसी एक महत्वपूर्ण काम को भूल सकते हैं, या उसमें गलती कर सकते है. आपके बाकी काम सरलता से निपटते चले जाएंगे. आज आपको कोई अतिरिक्त काम करना पड़ सकता है, जो आपको व्यस्त कर देगा।
कन्या- आज चंद्रमा आपकी राशि के कर्म भाव में रहेगा और शाम को लाभ भाव मंद चला जाएगा. दिन आपके लिए बहुत अच्छा है. आज आपके साथ सब कुछ अच्छा रहेगा. दिन भर आप सक्रिय और प्रसन्न रहेंगे. तमाम तरह की सफलताएं आपको मिलती रहेंगी, जिनसे आपका मनोबल भी बढ़ा हुआ रहेगा. पैसों के क्षेत्र में आज आपको अच्छी सफलता मिल सकती है. या तो वेतन वृद्धि होगी या किसी और ढंग से, किसी लंबे बकाए की प्राप्ति से आपकी आमदनी में अच्छी खासी वृद्धि होगी. नए संपर्क होंगे, नए लोगों से परिचय और जुड़ाव होगा. अच्छे और उत्साही मित्र मिलेंगे. आज आपके कई काम आसानी से बनते चले जाएंगे. आज आप स्वयं को भीड़ में आगे लाने की कोशिश न करें, तो बेहतर रहेगा. बल्कि आप दूसरों को आगे आने के लिए प्रेरित करें. खुद आगे आने की कोशिश करेंगे, तो दूसरे आप पर आसानी से हावी हो जाएंगे. परिवार का सहयोग मिलेगा।
तुला- चंद्रमा आज दिन में आपकी राशि से भाग्य भाव में रहने के बाद शाम को कर्म भाव में चला जाएगा. आज आपको सावधान भी रहना होगा, धैर्य भी रखना होगा और अपने व्यवहार में लचीला रुख भी रखना होगा. पड़ोस में किसी से , किसी अधीनस्थ से या भाई से कहासुनी हो सकती है. इसी का दूसरा पक्ष यह है कि कभी आपके नजदीकी रहे किसी व्यक्ति के साथ अगर आपकी काफी दिनों से अनबन चल रही थी, तो आज वह आपके अपने प्रयासों से समाप्त हो जाएगी. आज आपका किसी भी मामले में जरा भी ज्यादा जोश या तैश न दिखाएं. आपका उत्साह आपका ही नुकसान कर सकता है. किसी से बात करने के पहले सोच लें कि आपको क्या कहना है. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें. आज आप किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे ठीक से जांच लें. आज आपकी कई परेशानियां समाप्त जाएंगी. अपने महत्वपूर्ण कार्यों का ध्यान रखें।
वृश्चिक- आज चंद्रमा आपकी राशि से अष्टम भाव में रहेगा और शाम को भाग्य मंो आ जाएगा. आपके लिए यह दिन मिले-जुले परिणामों वाला रहेगा. आज का दिन आप जितने धैर्य से बिताएंगे, आपके लिए उतना अच्छा रहेगा. आज आप न तो कोई बड़ा फैसला करें और न ही जल्दबाजी में कोई फैसला करें. अगर आपका इरादा नौकरी बदलने का है, तो अगले दो-चार दिन इस मामले में निर्णायक साबित हो सकते हैं. इसका संकेत आपको आज साम के बाद से मिल सकता है. दफ्तर में आज आपके सामने काम ज्यादा रहेगा. आपके नियमित काम के अलावा कोई अतिरिक्त काम भी आपको सौंप दिया जाएगा. आप अपनी समझदारी से कठिन काम भी सरलता से पूरा कर लेंगे. आज दफ्तर में आपकी मेहनत आगे चलकर आपके लिए बहुत कारगर साबित होगी. आप अपनी क्षमता जताने में कोई कसर न छोड़ें. आसपास की कोई यात्रा हो सकती है, जो सफल रहेगी।
धनु- आज का दिन आपके लिए अच्छा और सकारात्मक है. आप आज दिन भर व्यस्त भी रहेंगे और आपकी उम्मीदें भी चरम पर रहेंगी. चंद्रमा आज आपकी राशि से सातवें भाव से आगे बढ़ेगा. आज दिन भर मेहनत के काम में आपका मन कम लगेगा और आप बैठे-ठाले किस्म के कामों में ज्यादा रुचि लेंगे. शाम होते-होते आपको कोई महत्वपूर्ण काम याद आएगा, जिसमें मेहनत भी है और भागदौड़ भी. आज आप अपने कुछ मित्रों के किसी महत्वपूर्ण काम में बहुत निर्णायक ढंग से मदद करेंगे. नए लोगों से भी आपकी बातचीत और मित्रता होगी. आज आपको अचानक कुछ नए अनुभव हो सकते हैं. आने वाले एक-दो दिनों में आपके सामने यात्रा, भुगतान, अपना या किसी और का उपचार या कोई अन्य चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है, और बहुत संभव है कि आपको इस बात का अंदाज पहले से हो. यह काम सफलतापूर्वत निपट जाएगा. चिंता न करें और अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें।
मकर- आज का दिन आपके लिए बहुत अच्छा है. आप इस दिन का उपयोग अपने काम निपटाने में कर सकते हैं, आज आपके सारे काम सरलता से निपटते जाएंगे. आपको आज करिअर और निजी संबंधों के क्षेत्र में अच्छी प्रगति मिलेगी. अगर भाग्य ने साथ दिया, तो बहुत संभव है कि आपको करिअर से क्षेत्र में दिन में ही कोई उपलब्धि हाथ लग जाए और शाम को आप परिवार के साथ उसका जश्न मनाएं. आपको अपनी योग्यता-क्षमता बढ़ाने का एक अवसर आज मिलेगा. जहां से आप जो नई चीज सीखघेंगे, वहां बार-बार जाने की इच्छा होगी. आज आप शांत मन से कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं. पैसों से जुड़े मामलों पर आज विचार होगा. कोई पुरानी देनदारी या कोई बिल चुकाने की आज तिथि नजदीक आ रही हो सकती है. दूसरों की मदद करने का मौका आपको मिलेगा।
कुंभ- आज चंद्रमा आपकी राशि के पांचवे भाव से छठे भाव में विचरण करेगा. आज आप किसी के साथ बौद्धिक-वैचारिक किस्म की चर्चा या बहस में जरा भी न पड़ें. बेहतर रहेगा कि आप मनोरंजन या खेलकूद की किसी गतिविधि में शामिल हों. अपना कामकाज ठीक ढंग से चलाने के लिए आपको अपने व्यवहार को बहुत लचीला रखना होगा. आज आप अपना आत्मविश्वास पुनः प्राप्त करने में सफल रहेंगे. योजना से उसके क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ेंगे. दिन बहुत सफलता और लाभ देने वाला साबित होगा. लोग आपसे मित्रता करने का, आपके नजदीक आने का प्रयास करेंगे. आज आप जिससे भी मिलेंगे, उसे प्रभावित करने में बहुत सफल रहेंगे. मित्रों से और प्रेमी जनों से बहुत उपयोगी बातचीत होगी. मजेदार बात यह है कि जहां आपके मित्र और प्रेमी भावुक होते रहेंगे, वहीं आप एकदम व्यावहारिक बातें करते रहेंगे. किसी पुरानी समस्या का आज समाधान हो जाएगा. जमीन-मकान या वाहन खरीदने का इरादा बनेगा।
मीन- आज आपका पहला ध्यान अपने परिवार की आर्थिक स्थिति पर जाएगा, और थोड़े बहुत विचार के बाद ही आप इस नतीजे पर पहुंच जाएंगे कि फिलहाल आपके पास खर्चों में कटौती के अलावा कोई चारा नहीं है. वास्तव में आज आपको कई फैसले करने होंगे. आप अपने फैसलों को बहुत दृढ़ निश्चय के साथ लागू भी करेंगे. मन में किसी तरह का भ्रम न रखें. आपको जो भी करना है, उसका ठीक से फैसला करें, ठीक से योजना बनाएं और अपनी सारी बुद्धि और कुशलता से उसे लागू करें. आज आपके सारे काम बनते जाएंगे. आज आप अपने स्वभाव और व्यवहार पर इस तरह से नियंत्रण रखें कि कोई भी व्यक्ति आपसे नाराज न होने पाए. अपने महत्वपूर्ण कामों पर पूरा ध्यान दें. आज दफ्तर में आपको एक के बाद एक कई तरह का काम सौंपा जाएगा. मेहनत का मन कम ही होगा, और आप उसकी जगह अपनी चतुराई से काम लेंगे।

जगन्नाथ मंदिर का इतिहास

Jagannath Temple Story -

मंदिर का इतिहास  ( History of Jagannath Temple ) : इस मंदिर का सबसे पहला प्रमाण महाभारत के वनपर्व में मिलता है। कहा जाता है कि सबसे पहले सबर आदिवासी विश्‍ववसु ने नीलमाधव के रूप में इनकी पूजा की थी। आज भी पुरी के मंदिरों में कई सेवक हैं जिन्हें दैतापति के नाम से जाना जाता है।



Jagannath Temple राजा इंद्रदयुम्न ने बनवाया था यहां मंदिर : राजा इंद्रदयुम्न मालवा का राजा था जिनके पिता का नाम भारत और माता सुमति था। राजा इंद्रदयुम्न को सपने में हुए थे जगन्नाथ के दर्शन। कई ग्रंथों में राजा इंद्रदयुम्न और उनके यज्ञ के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने यहां कई विशाल यज्ञ किए और एक सरोवर बनवाया। एक रात भगवान विष्णु ने उनको सपने में दर्शन दिए और कहा नीलांचल पर्वत की एक गुफा में मेरी एक मूर्ति है उसे नीलमाधव कहते हैं। ‍तुम एक मंदिर बनवाकर उसमें मेरी यह मूर्ति स्थापित कर दो। राजा ने अपने सेवकों को नीलांचल पर्वत की खोज में भेजा। उसमें से एक था ब्राह्मण विद्यापति। विद्यापति ने सुन रखा था कि सबर कबीले के लोग नीलमाधव की पूजा करते हैं और उन्होंने अपने देवता की इस मूर्ति को नीलांचल पर्वत की गुफा में छुपा रखा है। वह यह भी जानता था कि सबर कबीले का मुखिया विश्‍ववसु नीलमाधव का उपासक है और उसी ने मूर्ति को गुफा में छुपा रखा है। चतुर विद्यापति ने मुखिया की बेटी से विवाह कर लिया।

आखिर में वह अपनी पत्नी के जरिए नीलमाधव की गुफा तक पहुंचने में सफल हो गया। उसने मूर्ति चुरा ली और राजा को लाकर दे दी। विश्‍ववसु अपने आराध्य देव की मूर्ति चोरी होने से बहुत दुखी हुआ। अपने भक्त के दुख से भगवान भी दुखी हो गए। भगवान गुफा में लौट गए, लेकिन साथ ही राज इंद्रदयुम्न से वादा किया कि वो एक दिन उनके पास जरूर लौटेंगे बशर्ते कि वो एक दिन उनके लिए विशाल मंदिर बनवा दे। राजा ने मंदिर बनवा दिया और भगवान विष्णु से मंदिर में विराजमान होने के लिए कहा। भगवान ने कहा कि तुम मेरी मूर्ति बनाने के लिए समुद्र में तैर रहा पेड़ का बड़ा टुकड़ा उठाकर लाओ, जो द्वारिका से समुद्र में तैरकर पुरी आ रहा है। राजा के सेवकों ने उस पेड़ के टुकड़े को तो ढूंढ लिया लेकिन सब लोग मिलकर भी उस पेड़ को नहीं उठा पाए। तब राजा को समझ आ गया कि नीलमाधव के अनन्य भक्त सबर कबीले के मुखिया विश्‍ववसु की ही सहायता लेना पड़ेगी। सब उस वक्त हैरान रह गए, जब विश्ववसु भारी-भरकम लकड़ी को उठाकर मंदिर तक ले आए।

अब बारी थी लकड़ी से भगवान की मूर्ति गढ़ने की। राजा के कारीगरों ने लाख कोशिश कर ली लेकिन कोई भी लकड़ी में एक छैनी तक भी नहीं लगा सका। तब तीनों लोक के कुशल कारीगर भगवान विश्‍वकर्मा एक बूढ़े व्यक्ति का रूप धरकर आए। उन्होंने राजा को कहा कि वे नीलमाधव की मूर्ति बना सकते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने अपनी शर्त भी रखी कि वे 21 दिन में मूर्ति बनाएंगे और अकेले में बनाएंगे। कोई उनको बनाते हुए नहीं देख सकता। उनकी शर्त मान ली गई। लोगों को आरी, छैनी, हथौड़ी की आवाजें आती रहीं। राजा इंद्रदयुम्न की रानी गुंडिचा अपने को रोक नहीं पाई। वह दरवाजे के पास गई तो उसे कोई आवाज सुनाई नहीं दी। वह घबरा गई। उसे लगा बूढ़ा कारीगर मर गया है। उसने राजा को इसकी सूचना दी। अंदर से कोई आवाज सुनाई नहीं दे रही थी तो राजा को भी ऐसा ही लगा। सभी शर्तों और चेतावनियों को दरकिनार करते हुए राजा ने कमरे का दरवाजा खोलने का आदेश दिया।

जैसे ही कमरा खोला गया तो बूढ़ा व्यक्ति गायब था और उसमें 3 अधूरी ‍मूर्तियां मिली पड़ी मिलीं। भगवान नीलमाधव और उनके भाई के छोटे-छोटे हाथ बने थे, लेकिन उनकी टांगें नहीं, जबकि सुभद्रा के हाथ-पांव बनाए ही नहीं गए थे। राजा ने इसे भगवान की इच्छा मानकर इन्हीं अधूरी मूर्तियों को स्थापित कर दिया। तब से लेकर आज तक तीनों भाई बहन इसी रूप में विद्यमान हैं।

वर्तमान में जो मंदिर है वह 7वीं सदी में बनवाया था। हालांकि इस मंदिर का निर्माण ईसा पूर्व 2 में भी हुआ था। यहां स्थित मंदिर 3 बार टूट चुका है। 1174 ईस्वी में ओडिसा शासक अनंग भीमदेव ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था। मुख्‍य मंदिर के आसपास लगभग 30 छोटे-बड़े मंदिर स्थापित हैं।

Source: Panditbooking

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